UMAPATHI
KONKANI KAVITA ANI SAHITYA
Thursday, August 11, 2016
MagNe Mahalakshmi ( Konkani Kavita )
मागणे मिगॆले महा लक्ष्मी , फूल कुंकुम भाग्य राख
धन धान्य घरा भोरो , सुख शांति घरा वड्डो
प्रीति ममता सुगंध झाववॊ , घरा नित्य मंगळ झाववॊ
हरी गुरुले अक्षता झोळी पोडो , चेरडु बाळ उत्तुंग पाव्वो
उमापति
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