International Green Earth Day ( Konkani Kavita )
कोंकणस्त नाड हये ,फल पुष्प भरीत शृंगार हये
इंद्र लोक स्वर्ग हये ,कोंकणी लोका आनंद हये
वेंगुर्ला गोवा कारवार , उदुप कोडियाला कोची तिरुवनंत
परशु राम स्रष्ठी हये , कोंकण सुंदर नाड हये
भक्ती उगम स्थान ह्ये , दूध सागरा मांडोवी कृपा हये
काळी शरा नेत्र पम्पा ,कोंकणी भूई अँगेले हये
उठानु राब कोंकणी बंधू , हजार तिरंगा अब्बायी विष्व
चकित झववॊ विष्व रंग , सौन्दर्य रूपी कोंकणी नाड
विष्व हरी पृथ्वी झाववॊ , कोंकणी शान्ति विष्व पाववॊ
कोंकणस्त विष्व झाववॊ , हरियाली भरली पृथ्वी झाववॊ
उमापति
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